बंदिशोसे सूर बेह्गये, तुम्हारे जाने के बाद..
हम कुछ इस तरह बरबाद हो र
तेरे कहने पर मुस्कुरा तो
फिजायें अनसुनिसी हर बात कर रही है, तुम्हारे जाने के बाद..
बेखबर वो फकीर, प्यार की दुहाई दे गया..
मुहोब्बत के मारे हम बन रहे है, तुम्हारे जाने के बाद..
अंदाज-ऐ-बयाँ अब बेहकासा होगया,
हर बार फिरसे उलझ रहे है, तुम्हारे जाने के बाद..
मंजिल मेरी तेरे गम के अं
दर्द के सैलाब से हम लिपट
रूह की रुकसत से मौत नहीं
सरे आम हम रुसवा हो रहे है, तुम्हारे जाने के बाद..
आज फिरसे दिल तुम्हे दुवा
दिल में अब भी एक चुभन हो रही है, तुम्हारे जाने के बाद..
--वैशाली
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