आजाओ अब लौटके ..
के जिया न जाये बिन तुम्हारे ..
बहोत आजमालिया प्यार को हमन
अब लौटादों हमें वो लम्हे हम
याद आता है तुम्हारा सेहला
वो चुपकेसे यु पास आना मेरे..
अब जब तुम दूर हो तो समझ आ रहा है
के क्यों मेरी हर आरज़ू पूरी हुवा क
और क्यों इस दिल को हमेशा ख्वाहिश रहती है तुम्हारी..
बड़ी खूबी से तुमने अपनाया
पता भी न चला के प्यार हुवा है मुझे ..
पता है मुझे तुम भी ख्वाहिश लिए हुवे हो मेरी ..
बस इंतज़ार है तुम्हे मेरे एक आगाज का ..
कैसे समझाऊ तुम्हे के इस तरह आजमाते नहीं प्यार को ..
बस इन लम्हों में भुलाया करते है खुदको..
--वैशाली
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